Thursday, December 20, 2012

शहीद ऊधम सिंह के जन्म दिन 26 दिसंबर पर आयोजित होगा " सामूहिक श्रद्धांजलि " कार्यक्रम




      दिसंबर  माह में जन्मे/ शहीद हुए   क्रांतिकारियों को दी जाएगी  सामूहिक श्रद्धांजलि 

गाज़ियाबाद । हर माह की तरह इस माह भी शहीद स्मृति फाउन्डेशन 26 दिसंबर 2012 को शहीद ऊधम सिंह के जन्मदिवस के अवसर पर  शहीद ऊधम सिंह के साथ साथ  दिसंबर माह में जन्मे / शहीद हुए अन्य क्रांतिकारियों को याद करने हेतु  सामूहिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम मनायेगा  ।    26 दिसंबर 1899 को  पंजाब के संगरूर ज़िले के सुनाम गाँव मे जन्मे ऊधम सिंह जलियावाला कांड के समय केवल 20 वर्ष के थे किन्तु अंग्रेजों के इस क्रूरतम  कृत्य वाली  ह्र्दय विदारक घटना से ऊधम सिंह का मस्तिष्क प्रतिशोध से जल उठा और उन्होंने जलियाँ वाला कांड के लिए जिम्मेदार  माइकल ओ डायर की हत्या करने का संकल्प ले डाला।  दो दशको बाद तक भी इस  प्रतिशोध की आग ऊधम के  दिल में धधकती रही  और आखिर में उन्होंने बड़ी ही चतुराई से  लन्दन जाकर 13 मार्च 1940 को   काक्सटन हाल में  डायर को भरी सभा में ढेर कर दिया और इस तरह अपनी माँ भारती के शत्रु को सरे आम क़त्ल करके  ही उनके कलेजे को ठंडक मिली । खुली चुनौती  देकर और दुश्मन को उसी के घर में  घुसकर मारने वाले ऊधम सिंह ने  बहादुर शाह जफ़र के इस वाक्य को साकार कर दिया कि " तख़्त-ए-लन्दन तक चलेगी तेग हिन्दुस्तान की।" उनके  इस साहस ने हर भारतीय का सिर  गर्व से ऊंचा कर दिया था। 
श्री गुप्ता ने कहा कि शहीद उधम सिंह का 114 वाँ जन्म दिवस मनाने में  शहीद स्मृति फाउन्डेशन स्वयं को गौरवान्वित महशूस कर रहा है क्योंकि  ऊधम सिंह न सिर्फ एक बहादुर क्रन्तिकारी थे बल्कि वे  'सर्व धर्म सम भाव' के प्रतीक थे और इसीलिए उन्होंने अपना नाम बदलकर राम मोहम्मद आज़ाद सिंह रख लिया था जो भारत के तीन प्रमुख धर्मो का प्रतीक है।
 उन्होंने बताया कि शहीद स्मृति फाउन्डेशन का लक्ष्य है “आम भारतीय जनमानस विशेषकर नयी पीढ़ी को शहीदों और महापुरुषों के योगदान से सतत अवगत कराते रहना”, ताकि युवा पीढ़ी में मूल्यों की पुनर्स्थापना हो और वे हमारे ऐतिहासिक क्रांतिकारियों और महापुरुषों के आदर्शों पर चलकर राष्ट्र निर्माण में अपना योगदान दे सकें। गाज़ियाबाद के  नेहरु नगर स्थित सरस्वती शिशु मंदिर में आयोजित होने जा रहे  इस सामूहिक श्रद्धांजलि कार्यक्रम में दिसंबर माह जन्मे/ शहीद हुए  अन्य क्रांतिकारियों जैसे खुदीराम बोस, प्रफुल्ल चाकी, राव तुला राम, राजेंद्र लाहिड़ी, बादल गुप्ता, रोशन सिंह, अनंत सिंह, बाघा जतिन, बेनॉय कृष्ण बसु, दिनेश चंद गुप्ता, राम राखा एवं सैकड़ों अन्य  महान क्रांतिकारियों का  देश के प्रति किये गए बलिदान पर प्रकाश डालकर उनको सामूहिक श्रद्धांजलि दी जाएगी  । 
        फाउन्डेशन के अनुसार आगामी महीनों में भी हर माह ऐसे ही कार्यक्रम आयोजित होते रहेंगे जिनमे सम्बंधित  माह में जन्मे क्रांतिकारियों का सामूहिक रूप से स्मरण करके उनको श्रद्धांजलि देकर जन्मदिन/ शहादत दिवस  मनाया जायेगा। 

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