गाज़ियाबाद। आज शहीद स्मृति
फाउंड़ेशन ने सरदार बल्लभ भाई पटेल का 138 वां जन्म दिवस
मनाया । इस अवसर पर संघीय गणराज्य भारत के निर्माण में सरदार पटेल के योगदान को याद कर उनको
श्रद्धा सुमन अर्पित किये। सरदार पटेल के चित्र पर माल्यार्पण करने के उपरांत पटेल
के जीवन पर प्रकाश डालते हुए संस्था के अध्यक्ष हरविलास गुप्ता ने कहा
कि अगर सरदार पटेल को लोह पुरुष के साथ
साथ आधुनिक भारत का चाणक्य कहा जाये
तो अतिश्योक्ति नहीं होगी. जिस प्रकार महान कूटनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य ने एक समय भारत
देश पर हुए सिकंदर रुपी विदेशी आक्रांता को न केवल रोका अपितु अनेक
खण्डों में बटें देश को चन्द्रगुप्त मौर्य के नेतृत्व में एकछत्र राज्य में
परिवर्तित कर दिया था उसी प्रकार सरदार पटेल ने भारत देश से न केवल अँगरेज़ रुपी
विदेशी आक्रमणकारियों को भगाया बल्कि स्वतंत्र भारत को एक सूत्र में पिरो कर विश्व के एक मजबूत
राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। देश की
आज़ादी के उपरांत जो सबसे बड़ी समस्या थी वह थी कि सैकड़ों रियासतों और लघुराज्यों
में बंटे भारत को कैसे एकीकृत किया जाये। इस उत्तरदायित्व को सरदार
पटेल ने बखूबी निभाया। श्री गुप्ता ने कहा कि यदि सरदार पटेल ने प्रयास
न किया होता तो आज हैदराबाद भी कश्मीर की तरह विवाद का केंद्र होता ।
उन्होंने कहा कि आज के राजनीतिज्ञों को सरदार पटेल के जीवन से दृढ
इच्छाशक्ति, राष्ट्र के प्रति समर्पण और सुचिता की शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए। इस
अवसर पर कमलेश कुमार, संतोष गुप्ता, संजय पाण्डेय ने भी अपना विचार
व्यक्त किये। निर्मल कपूर, चंन्दन माला, आज़ाद
कौशिक , विनीत सिंह, दिनेश मिश्र, दिल बहादुर समेत संस्था के कई अन्य सदस्य मौजूद रहे।
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